सपने से मुलाकात
सपने से मुलाकात कहा निंदमे या मेरी आखोंमे, दिनमे मै रुक जाऊ देखकर बारिश सुनहरी या भोचका नाग की चमक देखके। जगता हूँ तब जानता हूँ के जानता...
अनंत
जिसे जानने की चेष्ठा करना महत्वकांक्षा की मृत्यु है, मांग विलीन होती है और प्रार्थनाके बीजका अंकुरण महसूस किया जा सकता है। एक और कविता के...
घमंड
The poet has more freedom than the mathematician. Poet can soar, can go beyond, can create own's world. Art creates, hence art brings yo
क्षण
रात का अंधकार अंधकार, घना, गहना और क्रूर इसमें आखोंकी पुतली फ़ैल जाती है और अकल्पित आकारोंको जन्म देती है ये कल्पना का आभासीय अस्तित्व,...
मैले पैर
बाहर निकलता हूँ घर से किसी पेड़ के पास खड़ा रहता हूँ देख रहा हूँ शरद का प्यार उमड़ा है। पत्ते खींचे जा रहें है जमीं की तरफ और जकड़ी शाखाएं...
तुम चुप रहों।
आँखों से दीप्ति पाता है प्रकाश जिसमें रूप लेती है दुनिया, जैसा उतरता है प्रतिबिम्ब वैसी समझ आती है दुनिया। इसलिए तुम कुछ मत कहना बोलने दो...
हर प्रश्न गलत, हर उत्तर गलत।
मुझे तर्क करना अच्छा नहीं लगता मगर कारण और प्रमाण के बीना जब मन मानताही नहीं है तो ये कैसे तय करू की पोहोचा कहा क्या मैं एक प्रवाह में...
वजूद
क्या मेरा वजूद है ये इसपर निर्भर होगा के मेरी जिन्दा हरकतों को तुम समझते नहीं हो, क्योकि आसमानके हर तारेको सब जानते कहा है? कहा हर किसीका...
प्रार्थना के स्वर
अस्ति फुल सिमटगया, जो बीजों के फिर से पेड़ बननेकी कहानी गाता था। झर गया तो, आकार से ज्यादा सुगंध स्मृति बुद्धि और भाव के द्वन्द में भी सहज...
फ्लेमिंगो से बात
अभी कहीं नहीं जाना चाहता, कल किसी समय, पैर मान जायेंगे तो, रस्ते की दिशा काटोंको पता हो तो, चला जाऊंगा, वहा जहा सीधा खड़ा रहना संभव है।...