सपने से मुलाकात
सपने से मुलाकात कहा निंदमे या मेरी आखोंमे, दिनमे मै रुक जाऊ देखकर बारिश सुनहरी या भोचका नाग की चमक देखके। जगता हूँ तब जानता हूँ के जानता...
अनंत
जिसे जानने की चेष्ठा करना महत्वकांक्षा की मृत्यु है, मांग विलीन होती है और प्रार्थनाके बीजका अंकुरण महसूस किया जा सकता है। एक और कविता के...