इंतजार
इंतजार बादल से भी ज्यादा उतर ज्याता है
हर मोसम का पता होता है, इक तेरा नही होता
कब खिलेगी धूप आंगनमेओर कब सब्र खत्म होता है
कब गिलहरीया लोट जायेगी ये पता होता है, इक तेरा नही होता
अहसोंकी खिड़की मे जब घंटो बैठा करता हूँ, एक कोयल छुप कर गाती है
कब काक टहनीपर बैठेगा, कब वो बेसुरा चिल्लाएगा ये पता होता है, इक तेरा नही होता
पिछिली बार जब अाय थे, जानबूझकर अंदाजे नही बनाए थे मैने
धोकेसे है साप भी अाते ये पता होता है,इक तेरा नही होता