रियाज
चट्टान के काले रंग से डरे सहमे पौधे उसी की छाव में बढ़ते है। उस महाकाय को देखा अनदेखा कर एक पौधे पर छोटासा पीला फुल खिला हुआ है, जो हवाके झोंकेसे डोलने लगता है घास के तीक्ष पत्ते गुदगुदाते उसे देखते है।
यहां भनक है के झरने के पानी ने चट्टान की सचाई दिखाई थी वो मन था या परछाई चट्टान थोडी देर कपकपाई थी।
मैंने उसी चट्टान पर लेटे, आकाश निहारा है। निर्भय होने के अभिनय का रियाज किया है।